Friday, December 28, 2018

प्रशांत नट के परिजन बोले फर्जी फंसाया, पुलिस बोली- यही है इंस्पेक्टर का हत्यारा

बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर का कत्ल करने के आरोपी प्रशांत नट का परिवार उस पर लगे आरोपों से साफ इनकार कर रहा है. चिंगरावठी में रहने वाले प्रशांत के भाई और पिता ने आजतक से कहा कि पुलिस ने इस मामले में प्रशांत को फंसाया है. घटना के दिन यानी 3 दिसंबर को वह मौके पर जरूर था, लेकिन उसने कोई गोली नहीं चलाई. वह 10 मिनट में वापस आ गया था. उसके दो-तीन दिन बाद प्रशांत वहां से चला गया था.

प्रशांत के पिता और भाई का कहना है कि उन पर पुलिस का काफी दबाव था. वे गरीब भूमिहीन लोग हैं. इस वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है. उसके पिता के मुताबिक प्रशांत पर कोई भी मामला आज तक दर्ज नहीं है. प्रशांत के तीन बच्चे हैं. वह अपने ससुराल गया हुआ था. अब हमने खुद उसे पुलिस के हवाले किया है.

फिलहाल, पुलिस ने चिंगरावठी उनके घर पर ताला लगा दिया है. और पूरे मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने प्रशांत को मौका-ए-वारदात पर ले जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया. पुलिस की एक टीम लगातार प्रशांत से पूछताछ भी कर रही है. दरअसल, जीतू फौजी की गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में चिंगरावठी निवासी प्रशांत नट का नाम भी आया था. तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी.

वीडियो फुटेज में भी प्रशांत दिखाई दिया था. हालांकि, अभी तक पुलिस हत्या में इस्तेमाल की गई रिवाल्वर बरामद नहीं कर पाई है. बुलंदशहर पुलिस के अनुसार प्रशांत ने पूछताछ में माना है कि उसने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पिस्टल से ही उनकी हत्या की थी. उसके साथ चिंगरावठी निवासी राहुल, डेविड, जौनी, लौकेंद्र, कलुआ और हरवानपुर निवासी राहुल भी था. इनमें से कलुआ अभी फरार है.

पुलिस की मानें तो आरोपियों ने इंस्पेक्टर सुबोध को घेर लिया था. कलुआ ने उनके सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया था. जबकि उसके अन्य साथी उन पर पत्थर बरसा रहे थे. पुलिस के मुताबिक इसी दौरान प्रशांत नट ने इंस्पेक्टर की पिस्टल छीनकर उन्हें गोली मार दी थी. इससे पहले इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जो सुमित नामक युवत को लगी थी. जिससे उसकी मौत हो गई थी.

बताते चलें कि इस मामले में अभी तक बुलन्दशहर पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि आधा दर्जन से ज्यागा आरोपियों ने खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने पहले जीतू फौजी को इंस्पेक्टर का हत्यारा माना था. लेकिन जांच के दौरान पुलिस उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा पाई.

Wednesday, December 19, 2018

कितनी कामयाब रही राहुल गांधी की कांग्रेस की कप्तानी?: नज़रिया

कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी का पहला साल चुनावी घटनाक्रमों के बीच गुजरा. इससे पहले वो पार्टी के उपाध्यक्ष थे और उनका वो कार्यकाल कमजोर समझा गया था.

बावजूद इसके वो पार्टी के अध्यक्ष बने और पिछले डेढ़ सालों से वो पार्टी प्रमुख की भूमिका निभा रहे हैं.

उन्होंने पिछले साल 16 दिसंबर के दिन अपनी मां सोनिया गांधी की जगह ली थी और अध्यक्ष बनाए गए थे.

उनके एक साल पूरा करने से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी तीन हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने में सफल रही.

राहुल गांधी के लिए इस जीत से बेहतर उपहार कुछ नहीं हो सकता है.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने निर्णायक जीत हासिल की है. पार्टी न सिर्फ़ प्रतिद्वंद्वी पार्टी को हार का स्वाद चखाया, बल्कि वोट शेयर और ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर मजबूत वापसी की है.

यहां कांग्रेस और बीजेपी को प्राप्त वोटों के बीच बड़ा अंतर था और यह जीत चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत साबित हुई है.

बीजेपी की हार उल्लेखनीय है क्योंकि पार्टी ने ग़रीबों के लिए शासन के मॉडल का प्रदर्शन किया था और उसकी उपलब्धियां गिनाई थी.

लोकसभा चुनाव में क्या हो सकता है?

ग्रामीण और कृषि संकट के इस समय में इस जीत से आगामी आम चुनावों में क्या हासिल होने के संकेत मिलते हैं: बीजेपी विरोधी वोट पर तेलंगाना के चुनावी परिमाण यह बताते हैं कि ये वोट कांग्रेस के पक्ष में पूरी तरह नहीं हो सकते हैं.

राजस्थान और मध्य प्रदेश की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुक़ाबला कांटे का था. वोट शेयर में मध्य प्रदेश में बीजेपी कांग्रेस से आगे थी, लेकिन अंततः कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही.

इसके लिए कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों की मदद ली और ये उम्मीद की जा रही है कि वो इन्हें 2019 के लिए साथ लेकर चलेंगे.

2018 की तरफ़ लौटते हैं, कांग्रेस की इस जीत ने आम चुनावों से पहले पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा है और उन सभी शंकाओं को दूर किया है, जो राहुल गांधी के बतौर अध्यक्ष की योग्यता पर सवाल उठाते थे.

यह जीत उनकी नेतृत्व क्षमता की स्वीकार्यता को बढ़ाएगी.

इन तीन राज्यों के 65 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 59 पर काबिज है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों की तरह वोटिंग पैटर्न आगे रहा तो यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों में 33 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. फिलहाल इन तीनों राज्यों से कांग्रेस के महज 6 सांसद हैं.

फरवरी में भी जीते थे कांग्रेसी
विधानसभा चुनावों में इस जीत ने दूसरे दलों के उन सवालों पर भी विराम लगा दिया है कि 2019 में बीजेपी विरोध गठबंधन की धुरी क्या होगी.

हाल ही में डीएमके के एमके स्टालिन और एनसीपी के शरद पवार ने राहुल के समर्थन में आवाज़ उठाई है. एमके स्टालिन ने राहुल गांधी को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव रखा है.

पिछले एक साल में कांग्रेस गुजरात जैसे राज्य में अपनी सीट और वोट शेयर बढ़ाने में सफल रही है. कर्नाटक में भी वो सरकार में है. ये सबकुछ राहुल गांधी के नेतृत्व में हुआ है.

इस साल फरवरी में राजस्थान की दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. ये चुनाव अलवर और अजमेर में हुए थे.

लेकिन दिसंबर की जीत इन सभी जीतों से कई मायनों में अलग है.

साल 2013 के दिसंबर में पार्टी जिस तरह से राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में सत्ता से हाथ गंवाई थी, वो पार्टी को काफ़ी नीचे ले गई.

Friday, December 14, 2018

पहला ही विधानसभा चुनाव हारे थे गहलोत, तीसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे। 67 साल के गहलोत इससे पहले 1998 और 2008 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गहलोत संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं। वे उन नेताओं में से हैं जो गांधी परिवार के काफी करीबी रहे।

अशोक गहलोत 1973 से 1979 तक कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने 1977 में सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस चुनाव में वे हार गए थे। वे संजय गांधी के काफी करीबी माने जाते थे। 1980 के मध्यावधि चुनाव में गहलोत को जोधपुर से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया गया। वे यहां से सांसद बनकर पहली बार राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचे।

इंदिरा, राजीव और राव के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं गहलोत
गहलोत इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की केंद्र सरकार में पर्यटन, खेल और नागरिक उड्डयन मामलों के राज्य मंत्री रहे हैं। गहलोत को 1989 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा नेता जसवंत सिंह ने हराया था। लेकिन इसके बाद लगातार तीन बार वे जोधपुर के सांसद चुने गए। 1998 में वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद से वे सरदारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से वे लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।

संगठन पर गहलोत की पकड़
गहलोत को संगठन चलाने की क्षमता में माहिर माना जाता है। 1985 में 34 साल के गहलोत को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। चार वर्ष तक वे इस पद पर रहे। इसके बाद वे दो बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। 2004 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमन्त्रित सदस्‍य बनाया गया। इसी साल उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। पांच वर्ष वे इस पद पर रहने के बाद फिर प्रदेश की राजनीति में लौटे और मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में गहलोत कांग्रेस महासचिव हैं।

Tuesday, December 11, 2018

泰警方证实嫌犯曾给妻子买巨额保险

犯罪嫌疑人张轶凡为妻子买的一份人寿保险,受益人是他自己。受访者 供图一家三口赴泰旅游,女子“溺水”有蹊跷

  位于泰国普吉岛的帕瑞莎酒店,是一家别墅式旅游酒店。2018年10月29日晚,张洁被发现死于这家酒店的一个泳池内。

  出事之前,张洁和丈夫张轶凡带着未满2岁的女儿来这里游玩。

  张洁夫妇是天津市塘沽区人。张洁在滨海新区财政局做雇员,比他大两岁的张轶凡曾在银行和保险公司做职员,两人2016年3月结婚。

  张洁的父亲张仁俭告诉澎湃新闻,女儿他们是10月27日从天津滨海国际机场出发去泰国的。10月30日傍晚,张轶凡的父亲告诉他“小洁没了”。

  当晚,悲痛之中的张仁俭给在泰国的女婿张轶凡打电话。“他说那天晚上他和小洁去游泳,小洁不小心淹死了。”张仁俭记得,他当时问女婿,女儿身上有没有外伤,“他犹豫了一会,说没有外伤。”

  11月1日,赶赴泰国的张仁俭夫妇,在普吉府巴东医院看到了女儿的尸体。张仁俭回忆,女儿身上有多处外伤,右肋部位呈现淤青,手上多个指甲折断,颈部隐约可见手掐的印痕。

  “我当时就明白了百分之七八十。”张仁俭说,他当时稳住女婿,提出到警局去指控酒店的管理问题。于是,张轶凡跟着大家去了警局,随后他被扣押。

  此后几天,张仁俭夫妇等人在普吉府的卡马拉警局等候审讯结果。张仁俭记得,11月2日,警员从办公室出来通知家属:“他承认了”。

  泰国警方:女子丈夫涉嫌跨国谋杀,已拘捕

  11月2日,在卡马拉警局,张仁俭夫妇见到了接受过审讯的张轶凡。

  张仁俭说,那天警方通知他和妻子进审讯室见面认人,他妻子哭着问女婿为什么杀害女儿,“他就答了一句,他说他不想过了。”

  一天后,警方向死者家属展示了犯罪嫌疑人作案过程的“演绎视频”截图。“在泳池里,有一个警员充当被害人。”张洁的叔叔张仁志当时在警局见过视频截图,他回忆,作案过程显示张轶凡谋害了妻子,“他一手掐住她颈部,一手抓住她的头,使劲往水里按。”张洁死亡后,张轶凡坐在泳池边,给服务台打电话。

  “后来看了验尸报告,我们怀疑小洁溺水死亡之前,遭受了殴打,可能已经处于半昏迷状态。”张仁志分析。

  泰国国家警察局的验尸报告显示,张洁的死亡原因为“溺水”,身上多处受伤,其中脖子肌肉两边有淤青,第5根肋骨骨折。

  此案由泰国普吉府卡马拉警察局(Kamala Police Station)侦查。12月11日中午,该局办案民警折斯达·盛素里告诉澎湃新闻,张轶凡涉嫌一宗蓄意谋杀案,已被拘捕,目前关押在卡马拉警局。至于张轶凡的作案动机和案件进展,截至发稿,泰国警方尚未进一步透露信息。

  12月11日,澎湃新闻致电中国驻泰王国大使馆领事部,工作人员表示暂未掌握此案的具体信息。中国驻宋卡总领馆驻普吉领事办公室一名泰方女工作人员则对澎湃新闻表示,此案情况已向中国驻宋卡总领馆汇报,暂不方便透露更多信息。

独家对话王广发:国内疫情的反弹风险点在哪?

  中新网北京4月20日电(杨雨奇)绥芬河口岸告急 4月中旬, 色情性&肛交集合 全球多个疫苗团队 色情性&肛交集合 宣布取得进展的同时, 色情性&肛交集合 中国宣布第一波疫情已经得到控制, 色情性&肛交集合 中国在全球的新冠研究 色情性&肛交集合 的临床试验立项占比从 色情性...